मेरे आंगन की रंगोली
रंगों में रंग कर
हँसती है,
गाती है,
रोती है
अंत में
मिट्टी में मिल जाती है
एक दिन का जीवन
सबके नाम करती है।
डॉ.राजश्री मोकाशी
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मेरे आंगन की रंगोली
रंगों में रंग कर
हँसती है,
गाती है,
रोती है
अंत में
मिट्टी में मिल जाती है
एक दिन का जीवन
सबके नाम करती है।
डॉ.राजश्री मोकाशी
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