Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

अपना वश

 

हमने अपनी माँ की कोख नहीं चुनी
इस दुनिया में पैदा होने के लिए
हमने अपनी मौत नहीं बुनी
इस दुनिया से विदा होने के लिए.
उन्हें भ्रम है कि उनका रूप
उनका गुण, जाति, पद-पदार्थ सब
उन्होंने गढ़ा है
किसी इश्वर का उससे कोई लेना-देना नहीं.
कितना अच्छा होता
कि यह सब गढ़ना अपने बूते संभव होता
तो मै एक कबीर हो जाता
एक राम में पूरा बाजार खरीद कर
सदा सदा के लिए निश्चिन्त हो जाता.

 

डा० रमा शंकर शुक्ल

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ