Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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बुढ़ापा

 

सूखती नदी और बुढ़ाता आदमी
भिन्न होते हुए भी एक हैं
नदी बरसात में फिर लहरती है
और आदमी
पुनर्जन्म के बाद.
नदी हंसती और उफनती है
आदमी रोता और ढोता है उम्र
जानते हो क्यों?
इसलिए कि
नदी अपनी प्रकृति बनाये रखती है
और आदमी कभी-कभी प्राकृतिक होता है

 

डा० रमा शंकर शुक्ल

 

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