हिंदी बिटिया रानी/
बुद्धिमती पर घर में बेगानी/
गाँव-जवार में सबकी प्यारी/
अपने घर में बनी बेचारी/
गाय चराती, कथा सुनाती/
स्टेशन पर रात बिताती/
चाय बनाती पाठ सुनाती/
गैरो को भी गले लगाती/
सबकी है वह मीठी दीदी/
पर मुखिया को लगती पिद्दी/
आओ दीदी की लड़ें लड़ाई/
जिसको मार रहे कसाई.
डा० रमा शंकर शुक्ल
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