Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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हम नहीं है कभी मरने वाले

 

हम नहीं है कभी मरने वाले, परिधान बदलते हैं
एक मुसाफिर हैं जन्म-दर-जन्म चलते रहते हैं.


गिला-शिकवा सब करो तुम्हे मुबारक असवाब
हम तो प्यार के राही है बेफिक्र जिया करते हैं.


शुक्रिया उनको भी जिन्होंने ताउम्र जड़ें खोदी
हमारा आँचल विस्तीर्ण है दिल में प्यार भरते हैं.


जब छोड़ दें दुनिया के हर रिश्ते तुम्हारा साथ
चले आना, इस आँगन में सारे परिंदे बसते हैं.

 

डा० रमा शंकर शुक्ल

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