Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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ये कैसा कोहराम मचा है

 

ये कैसा कोहराम मचा है
कालिमा में जो कोई बचा है
तैयारी उन्हें स्याह करने की
एक सियासत ऐसा रचा है.



इधर पहरा कडा हुआ है
झुका हुआ आदमी खडा हुआ है
वह पूछ रहा है उनसे
तू तो तुच्छा सा था
बता कैसे इतना बड़ा हुआ है.
वे सेंध में पकडे गए हैं
तेवर एकदम नए हैं
शब्दों के खिलाड़ी है वे
करीने से लीप रहे हैं
प्यार के बहाने से
हमारे गले चीप रहे हैं

 

डा० रमा शंकर शुक्ल

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