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एक्सपो दुबई २०: भारत का मंडप

 

एक्सपो दुबई २०: भारत का मंडप 

२०२१ के अंतिम  तीन महीनों के दौरान चमक-दमक वाले दुबई(यूएईमें तीन बड़े/मेगा इवेंट हुएक्रिकेट की आईपीएल सीरीज,क्रिकेट का वर्ल्ड-कप और दुबई एक्सपो २०२०। दुबई एक्सपो अभी भी चल रहा है और ३१ मार्च २२ तक चलेगा। दरअसल,नवंबर 2013 में, संयुक्त अरब अमीरात ने 2020 में दुबई में वर्ल्ड एक्सपो की मेजबानी करने का अधिकार/खिताब जीता था। ऐसा पहली बार हुआ है जब मध्य-पूर्व में वर्ल्ड एक्सपो का मंचन किया जा रहा है। इस तरह का वैश्विक मेगा-इवेंट देश-विदेश सेकरोड़ों आगंतुकों को आकर्षित करता है। इस बार दुबई का वर्ल्ड एक्सपो कनेक्टिंग माइंड्स, क्रिएटिंग द फ्यूचर’ की थीम के तहत आयोजित किया जा रहा है। माना जाता है कि इस थीम के माध्यम से, एक्सपो दुबई 2020 एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा, जो दुनिया भर की प्रतिभाओं,उद्यमियों और व्यापारियों को जोड़ेगा और सभी कोविशेष रूप से कोविड-19 की महामारी के दौरान,विश्व की साझा चुनौतियों से जूझने के लिए पृष्ठभूमि तैयार करेगा। दुबई प्रशासन के आयोजकों का कहना है कि 'हम सभी के पास एक बेहतर दुनिया बनाने और भविष्य को एक सुखद स्वरूप देने की शक्ति है। हम कैसे स्थिरता, गतिशीलता और प्राप्त अवसरों के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़ें और एक सुंदर भविष्य का निर्माण करें ,यह एक्सपो दुबई 2020 का मुख्य अभिप्रेत है' । 

मूल रूप से 20 अक्टूबर 2020 से 10 अप्रैल 2021 तक यह मेगा इवेंट आयोज्य था किन्तु संयुक्त अरब अमीरात और अन्य जगहों पर कोविड-१९ महामारी के कारण, नई तारीखें तय  की गईं और अब दुनिया का यह विशाल आयोजन अक्टूबर 2021 से 31 मार्च 2022 तक हो रहा है। 

विश्व स्तर के इस इस शानदार आयोजन/मेले में दुनिया के १९२ देश अपनी पूरी छवि-छटा,सांस्कृतिक विरासत और शान-शौकत के साथ अपनी कला,संस्कृति,वैज्ञानिक,वाणिज्यिक आदि उपलब्धियों को अपने-अपने मण्डपों में कलापूर्ण ढंग से दर्शा रहे हैं। कार्यक्रम स्थल पर 200 से अधिक रेस्तरां हैं ।जैसा कि पहले ही उल्लेख किया गया है, इस साल के एक्सपो दुबई की थीम कनेक्टिंग माइंड्स एंड क्रिएटिंग द फ्यूचर है।  

इस मेगा ईवेंट में भारत का भी अत्याधुनिक मंडप है जो 8,750 वर्ग मीटर पर फैला हुआ है। भारत के केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल ने एक अक्टूबर, 2021 को दुबई एक्सपो 2020 में भारत के इस पवेलियन का उद्घाटन किया। दुबई एक्सपो में भारतीय पवेलियन/मंडप की कल्पना एक हाई-टेक संरचना के रूप में की गई है। यह प्राचीन भारत के साथ-साथ भविष्य के भारत की संस्कृतिगत विशेषताओं को चित्रों,चलचित्रों और डिजिटल तकनीक से प्रदर्शित करता है। विशाल चार मंजिला भारतीय मंडप योग, साहित्य, आयुर्वेद, कला, व्यंजन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सहित भारत के लोकप्रिय उत्पादों की निर्यात-संभावनाओं को भी उजागर करता है। भारत के इस पवेलियन को इंडिया ऑन द मूव’ और इंडिया द डायवर्सिटी’ की व्यापक थीम के तहत स्थापित/निर्मित किया गया है। 

दुबई एक्सपो 2020 में भारतीय पवेलियन के उद्घाटन-अवसर  पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा कि एक्सपो 2020 की मेन थीम कनेक्टिंग माइंड्स, क्रिएटिंग द फ्यूचर है। यह भावना भारत के प्रयासों में साफ दिखाई देती है, क्योंकि हम एक नया भारत बनाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। दुबई में भारतीय पवेलियन के उद्घाटन कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी यह स्पष्ट किया कि भारत और यूएई के संबंध सिंधु-घाटी सभ्यता से वर्तमान समय तक ट्रेस किए जा सकते हैं। एक्सपो में हमारी बड़ी उपस्थिति का एक कारण यूएई के साथ हमारी विशेष साझेदारी है। भारतीय पवेलियन दुनियाभर में रहने वाले भारतीय नागरिकों के गौरव, क्षमता और शक्ति का प्रतीक है और यह सिद्ध कर रहा कि भारत एक वैश्विक- आर्थिक-केंद्र के रूप में उभर रहा है। जैसा कि कहा गया है दुबई में भारत ने एक्सपो २०२० के परिक्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा पैवेलियन बनाया है, जहां भारतीय संस्कृति की छटा उकेरी गई है। भारत के पवेलियन में भारत के उभरते क्षेत्रों और मंत्रालयों की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है। भारत के पवेलियन में भारतीय संस्कृति के साथ-साथ भारतीय टेक्नोलॉजी और भारतीय उद्योगों को भी दिखाया गया है। 

दुबई एक्सपो 2020 में भारत के मंडप में प्रवेश करते ही अयोध्या के राम मंदिर और अबू धाबी में निर्माणाधीन हिंदू मंदिर के मॉडल देखे जा सकते हैं। अपनी आध्यात्मिक विरासत के प्रदर्शन के साथ ही भारत के पैवेलियन में दो अलग-अलग मंजिलों पर भारत के उभरते क्षेत्रों और मंत्रालयों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाली जानकारियों की प्रदर्शनी लगाई गई है। एक मंजिल देश की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने वाली विशाल एलसीडी स्क्रीन के साथ भारत की कला, नृत्य और संस्कृति को समर्पित है। पिछले महीने यूएई के साथ एक व्यापक व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू होने के बाद यह बात सामने आने लगी है कि संयुक्त अरब अमीरात में भारत का व्यापार काफी अलग तरह का होने वाला है। कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल ने अपने भाषण में इस ओर संकेत किया था: "यूएई पूरे अफ्रीका और दुनिया के कई अन्य हिस्सों का प्रवेश द्वार है। संयुक्त अरब अमीरात में एक विशाल भारतीय प्रवासी समूह रहता है।इस देश में वस्त्र, रत्न-आभूषण, चमड़े के जूते, और खाद्य उत्पादों का एक बड़ा बाजार मौजूद है, जो श्रमिक-उन्मुख है और भारतीयों को विपुल रोजगार देता है। यह एक ऐसी साझेदारी होगी जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगी।

भारतीय मंडप में कोणार्क का सूर्य मंदिर, ताजमहल और काशी विश्वनाथ मंदिर की भी झलक दिखाई देती है।एकता-प्रतिमा(सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा)भी यहाँ पर सुशोभित हो रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त अरब सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दुबई एक्सपो में शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा गया है और यूएई सरकार ने उम्मीद जताई है कि पीएम मोदी उनका आमंत्रण जरूर स्वीकार करेंगे।(सुना है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनवरी २०२२ में दुबई आ रहे हैं) एक्सपो में भारतीय पैवेलियन ग्यारह अलग अलग थीम पर तैयार किए गए हैं, जो भारत में निवेश की संभावनाओं को दिखाते हैं। इंडियन पैवेलियन के जरिए स्पेस टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स, साइबर सिक्योरिटी, हेल्थकेयर, मेक-इन-इंडिया आदि में निवेश की संभावनाएं बताई गई हैं। 

इस महान मेगा-इवेंट के मनोरंजन भाग को देखते हुए सुपरस्टार ए० आ० रहमान ने 23 अक्टूबर को एक्सपो 2020 दुबई में पहली बार ’फिरदौस ऑर्केस्ट्रा के साथ प्रदर्शन करते समय रोमांचक संगीत पेश किया । रहमान दो बार अकादमी पुरस्कार और डबल ग्रैमी पुरस्कार-विजेता रहे हैं। दुबई में जुलाई सेरह रहे रहमान को उम्मीद है कि एक्सपो 2020 दुबई आने वाले महीनों के दौरान इस विश्व-मेले में वैविध्यपूर्ण गीत-संगीत द्वारा लोगों को एकजुट करेगा और दोस्ती और बंधुत्व की अवधारणा को मजबूत करेगा।गल्फ न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में संगीतकार ने संगीत की सीमाओं को तोड़ने और मध्य-पूर्व की 50 महिला संगीतकारों के साथ काम करने के बारे में बात करते हुए कहा कि संगीत के क्षेत्र में मध्य-पूर्व की महिलाओं की भागीदारी एक अच्छा लक्षण और संभावनाओं-भरा प्रयास है। 

यूएई,जापान,इटली,जर्मनी,पाकिस्तान,इंडोनेशिया,यूके,यूएसए,काजाकिस्तान,भारत,सऊदी अरब आदि समेत लगभग 192  देश यहाँ इक्ट्ठा हुए हैं और इन सभी के अपने अलग-अलग मंडप/पैवेलियन हैं। दुबई एक्सपो एक अक्टूबर को शुरु हुआ और 31 मार्च तक यानी कुल 182 दिन चलेगा। मना जाता है कि इसको देखने के लिए दुनियाभर से ढाई करोड़ दर्शकों के आने की उम्मीद है। पूर्व में कहा गया है कि इस एक्सपो में 192 देश हिस्सा ले रहे हैं और डेढ़ लाख वॉलेंटियर्स यहां अलग अलग ज़िम्मेदारियाँ संभाल रहे हैं। पूरा एक्सपो 110 हेक्टेयर इलाके में फैला हुआ है। इसके सेंट्रल गुंबद को बनाने में 550 टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है। एंट्रीगेट(प्रवेश द्वार) की ऊंचाई 21 मीटर है। 

अनुमान है कि इस आयोजन के लिए करीब 6.8 बिलियन डॉलर का खर्च आया है। एक्सपो दुबई२० संस्कृति, टेक्नोलॉजी और वास्तुकला की एक वैश्विक प्रदर्शनी है जिसका मुख्य संदेश विचारों को जोड़ना और भविष्य का निर्माण करना है। दुबई चाहता है कि इस महायोजन को 'प्रतिभा-प्रदर्शनी' के रूप में पूरी दुनिया में जाना जाए और एक साझा-मंच से अर्थव्यवस्था और जलवायु-परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियां पर विचार-विमर्श की सार्थक संभावनाओं का पता लगाया जा सके। 

एक्सपो 2020 दुबई के डायरेक्टर जनरल रीम-अल-हाशमी ने एक साक्षात्कार के दौरान बताया: '---हमारी पूरी जिम्मेदारी कोविड की स्थिति से निपटने के साथ-साथ विजिटर्स के लिए एक शानदार कार्यक्रम के आयोजन की भी है। हमें पूरा भरोसा है कि हम सार्वजनिक सुरक्षा को सबसे अधिक प्राथमिकता देंगे। यूएई दुनिया में सबसे ज्यादा वैक्सीन लगाने वाला देश बन गया है। जिसके तहत लोगों को कई प्रतिबंधों से राहत भी मिल गई है।

एक्सपो 2020 दुबई के लिए खासतौर पर कुछ गाइडलाइंस जारी की गई हैं।जैसेसभी विजिटर्स के लिए फेस-मास्क पहनना अनिवार्य है1 8 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का पूरी तरह से वैक्सीन लगवाना या कोविड-19 टेस्ट में नेगेटिव रिपोर्ट प्राप्त करना अनिवार्य है । वरिष्ठ नागरिकों के लिए इस एक्स्पो में प्रवेश निःशुल्क है जबकि बाकियों के लिए टिकट/सीज़नल-टिकट की वयस्था है। 

कुल मिलाकर ३१ मार्च २२ तक चलने वाले इस नयनाभिराम महायोजन में दुनिया के 192 देश अपनी कार्यक्षमताओं, तकनीक और कला-संस्कृति को दुनिया

को दिखाएंगे। एक तरह से एक्सपो दुबई २० दुनियाभर की दिग्गज कंपनियों के प्रोडक्ट्स के साथ-साथ उनकी नई तकनीक, नवाचार और विभिन्न सांस्कृतिक धरोहरों का एक अदभुत संगम-स्थल है। दुबई एक्सपो २०२० के पांच मुख्य संदेश बताए जाते हैंजो इस प्रकार से हैं किसी को पीछे न छोड़ें, पुलों का निर्माण करें, एक-साथ आगे बढ़ें, संतुलन बनाए रखें और मानवता के सामने आज की बड़ी चुनौतियों का पता लगाकर उनका अध्ययन करें। 

(डा० शिबन कृष्ण रैणा)

दुबई  से   

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