बेटियां घर की रौनक हैं.
खुशियों की सौगात हैं
आंगन की रंगोली हैं.
तीज - त्यौहार हैं
आरती हैं, अज़ान हैं
फर्ज है, इमान हैं
गंगा का जल हैं.
पवित्र कोई ग्रंथ हैं.
कुरान की आयतें हैं.
वेदों की ऋचाएं हैं.
संकल्प हैं, शक्ति हैं.
भक्ति हैं., विनती हैं.
खुले आसमां में उड़ती हुई कोई पतंग हैं, बेटियां.
डॉ. शिव चौहान शिव
32- आई. सैलाना यार्ड
(दरगाह के पास) रतलाम (म.प्र.) 457001
मो. 09893608570
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY