Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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मेरे अच्छे दिन लोटा दो

 

 

हो पाए तो मुझे दिला दो ,
मेरे अच्छे दिन लोटा दो,
बीच भवर मे आन पड़ी है ,
जीवन नैया पार लगा दो |
सपनो की सौगातो के संग सीखे ,
जीवन जीने के ढग,
पल पल जीना , पल पल मरना ,
जीवन जैसे लडते है जंग ,
हो पाए तो मुझे जीता दो ,
मेरे अच्छे दिन लोटा दो |
एक कली मासूम बड़ी थी,
टहनी पे सर तान खड़ी थी,
शैतान ने जब आ घेरा,
सहमी सहमी वही खड़ी थी ,
हो पाए तो उसे बचा लो,
मेरे अच्छे दिन लोटा दो |
सब के सब रोते फिरते है ,
उठते है नीचे गिरते है ,
चार कदम चलना है मुश्किल,
पैरो मे छाले पड़ते है ,
हो पाये तो पथ दिखला दो,
मेरे अच्छे दिन लोटा दो |

 

 


डॉ श्रुति मिश्रा

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