Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

वो बात.....

 

 

वो उस दिन बात क्या हुई
अल्हड़ता ही खो गई
अचानक कितने बड़े से हो गए
अब हर बात को कहने-करने के पहले
कितना सोचने लगे हैं हम..........

 

 

 

डॉ. शुभ्रता मिश्रा

 

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ