Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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आज देश की हालात ऐसी है, कुछ मत पूछो

 


आज  देश  की  हालात  ऐसी  है, कुछ मत पूछो

गुंडे  मवालियों  की जामात जैसी है,कुछ मत पूछो


यहाँ  न   हिंदू  सुरक्षित  है,  न  मुसलमान  ही

दर्द  मिलती  सौगात  में  ऐसी है, कुछ मत पूछो


हमारी  फ़िक्र  में है हिस्सा  उसका भी बराबर का

मगर  यह  दोस्ती   कैसी  है,  कुछ  पूछो  मत


कुछ  सुलगते, कुछ सुलगाने  वाले हैं  अलाव यहाँ

खेत  खलिहान की  हाल कैसी है, कुछ  मत पूछो


ले  हाथ  में  कफ़स रोज आते हैं,चमन में सैय्याद

सैर-ए-बहार की ख्वाहिश यह कैसी है,कुछ मत पूछो

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