Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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आप को हमारी याद आयेगी

 


आप जायें कहीं ,आप को हमारी याद आयेगी

फ़ुर्सत के पल,  हमारी बर्बादी   याद आयेगी


मिले थे जहाँ  हम पहली बारवहाँ के शबे-

गम से मिलती-जुलती तैयारी याद आयेगी


जमीं  से आसमां तक ,दीखेंगे जब गुब्बारे-

गुश्तगां लहराते हुएमेरी यारी याद आयेगी


आप भी तड़पेंगे  मेरी  तरहजब आपको 

जीतकर  हारी हुई,अपनी बाजी याद आयेगी


रखकर  सीने  परहाथ पूछेंगे जब खुद से

मुहब्बत क्यों नापाक हुई,खुद्दारी याद आयेगी

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