Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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दूसरों की बात क्यों, हम अपनी बात करें

 

दूसरों  की बात  क्यों, हम  अपनी बात करें

अपने   घर- परिवार,  देश-समाज  की  बात करें



मिलती दो जून  की  रोटी, जिसकी  मेहनत से

देश   के  उन किसान   भाइयों की बात  करें



रक्त- पात, हिंसा , नफ़रत   की बातपाप है

हम प्यार, मानवता , मोहब्बत की  बात  करें



हमारा वतन , चमन   कैसे   बने, उसके   लिए

कुछ    खुशनुमा    फ़ूलों    की   बात      करें



गीता  , महाभारत  , रामायण, कुरान, पुराण

का सम्मान करें,गाँधी,बुद्ध,ईशा की बात करें

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