Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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दर्द जो अपना वक्त हमारे साथ गुजारा

 

दर्द जो अपना वक्त हमारे साथ गुजारा है
वह आज भी हमें जान से ज्यादा प्यारा है

 

शिकवा उससे क्या करें ,कि वह कम भला
या ज्यादा बुरा, वह जैसा भी है हमारा है

 

उसमें और हममें कोई फ़र्क नहीं है
मेरी जिंदगी एक तूफ़ां है,तो वह किनारा है

 

क्यों न उस पर मेरा दिल मरे, जो सरे-राह
हमें हम - सफ़र कहकर , पुकारा है

 

उसी ने सिखाया है हमें, सोजने-गम,वह-
नहीं, तो हमारा दिल, दिल से भी बेसहारा है

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