दर्द में डूबा सारा संसार है
ऊपर सूरज – चाँद बीमार है
कौम की आँधी चली है
हत्या – लूट , अत्याचार है
किसे हम दोष दें , राज्य
केन्द्र में अपनी ही सरकार है
नेता कहता ,कमजोर गरीब ही
हमारे देश का गुनहगार है
हमारा देश पिछड़ा है, हमारे और
राष्ट्र के बीच , यही तो दीवार है
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