दिल का दर्द बाँटने चला हूँ
मरने से पहले मुस्कुराने चला हूँ
मिल जाये कोई हमदर्द कहीं
लकीर, तकदीर का मिटाने चला हूँ
रोक लूँ उसे अरमान नहीं
दुनिया दिल की बसाने चला हूँ
जिन जख्मों को वक्त भरने चला
उन्हीं जख्मों को कुरेदने चला हूँ
आँखों में नमी, लवों पे हँसी है
दिल-ए-हाल है क्या,बताने चला हूँ
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