Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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दिल में रहकर दिल से खेलना नहीं अच्छा

 

दिल में रहकर दिल से खेलना नहीं अच्छा

फ़ूलों की  डाली को, मरोड़ना  नहीं अच्छा


इसे  महकने  दो, बहारों  में  मचलने  दो

तोड़कर  गले  में  पहनना  नहीं अच्छा


प्यार  करना है तो कर ले, मगर इस कदर

प्यार  में  किसी  को सताना  नहीं अच्छा


जलता  है जब  भी जिस्म, दिल  मरता है

यूँ  दिल से  दिल का टकराना नहीं अच्छा


प्यार पूजा है,प्यार को, सागरे ज़ाम कहकर

ज़ामे   सिफ़ल   झुठलाना   नहीं  अच्छा

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