Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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दिल न लगाओ

 

 

 

दिल न लगाओ , गले लगाकर तो देखो

पास न सही , दूर बिठाकर तो देखो

दुनिया के हर रंग बदले नजर जायेंगे

मेरा गीत अपने होठों पर सजाकर तो देखो

मिलता है दुनिया में, बड़ी मुश्किल से,कोई

चाहनेवाला,हर्ज क्या,एक बार आजमाकर तो देखो

खिलते हैं फ़ूल वीरानों में भी कभी – कभी

कोई फ़ूल मेरी हसरत की खिलाकर तो देखो

आना ब- बन्दाखाना, अगर मंजूर नहीं तुमको

तो अपने घर मुझको ही बुलाकर तो देखो

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