Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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दुनिया मेरी बदल गई,एक उनके आ जाने

 

 

दुनिया मेरी बदल गई, एक उनके आ जाने से
मुंतजिर1 थीं, आँखें मेरी जिनके लिए जमाने से

 

वक्त के पैमाने में है जहर भरा, अजलरोज2
आ जाती पिलाने किसी न किसी बहाने से

 

कहती दोनों जहां का गम साथ लेकर,चलती हूँ
मेरा जी नहीं भरता थोड़े गम पिलाने से

 

दिल में सौ शिकवा-ए-गम है,पूछने वाला कोई
नहीं, फ़ायदा क्या आशना3 को गले लगाने से

 

वो इन्सां ही क्या, जो बफ़टके न गम के पास
कभी घबड़ाये अहबाब4 का जनाजा उठाने से

 

 



1. व्यथित 2. मौत 3. पहचाना 4. मित्र

 

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