Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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दुनिया में हम जिंदा हैं कि हमारे संग तेरा नाम रहे

 


दुनिया में हम जिंदा हैं कि हमारे संग तेरा नाम रहे
कुछ रहे न रहे,तेरी आँखों का छलकता ज़ाम रहे

 

तेरी मेहरबानी को सितम क्यों न कहें हम,जो तेरे
खत में हमारे नाम लिखा, तेरे गुरूर का सलाम रहे

 

करना ही है तुमको गैर की जिक्रे-वफ़ा, तो करो
मगर, ख़याल रहे , कि महफ़िल में मेरा दाम रहे

 

है उम्मीद पर दुनिया टिकी,हमको भी थी उम्मीद
कि कभी न कभी, नजरें-वफ़ा करोगी,पर नाकाम रहे

 

कोई राहें-फ़ना1 में साथ नहीं देता,है खुदा से यही
दुआ अपनी , हमारे बाद भी हमारा नाम रहे



1. मृत्यु पथ

 

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