दुनिया ने तेरी यादों से हमको बेगाना किया
सिखलाकर फ़लक को तर्जे1वफ़ा मिटाना किया
फ़सले - गुल2 गुलशन में आना छोड़
कलियों से न मिलने का बहाना किया
बिजलियाँ बेताब हो रहीं बार-बार जलाने
उसे, जिस डाली को हमने आशियाना3 किया
कहते, मिलती है अबद4 इश्क के मैखाने में
यही सोचकर हमने अरबाबे5 को कशाना6 किया
उम्रे- मुख्तसर7 से बेखबर यह दुनिया, सुना-
सुनाकर अहबाबे8के ताने को,हमें सताना किया
1.उपाय 2.फ़ूलों की ऋतु 3.ठिकाना 4.लम्बी आयु
5. मैखाने 6.घर 7. अल्प आयु 8 .मित्रगण
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