एक बार जो गिरा, गिरता चला गया
जिंदगी को दावँ पर लगाता चला गया
दिल की कोई कसक न रह जाये बाकी
आँसुओं से मुँह धोता चला गया
फ़ूलों को संजोया,अँगारे पर चला,रिश्ता
जिंदगी के साथ निभाता चला गया
दुश्मनी जमाने ने मुझसे है किया
मैं जमाने से दोस्ती निभाता चला गया
नाहक ही मुख़्तारी का लगाकर तोहमत
मेरे नाम को बदनाम करता चला गया
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