Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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गमे दुनिया में जीना चाहता कौन है

 

गमे दुनिया में जीना चाहता कौन है
ज़हर - जिंदगी को पीना चाहता कौन है

 

जिसे अपना भाग्य-रस पिलाकर पाला
आज वही पूछता तू मेरा लगता कौन है

 

दिल दुखाने के हैं हज़ार तारीख
तारीख,दिल बहलाने का माँगता कौन है

 

मुद्दत हुई यह कागज़ नम है, क्या है
इसका हकीकत जानना चाहता कौन है

 

बेखुदी में पाँव उठा, चला आया यहाँ
वरना इस गली में आना चाहता कौन है

 

 

डा० श्रीमती तारा सिंह

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