Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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गुलशन को जिसने आबाद किया

 

इस  उजड़े  गुलशन को जिसने आबाद किया था

कहते   हैं   लोग,  उसी   ने  बर्बाद  किया है


गरेबां  की  आग  जब  बुझी, दामन  में लगाया

काम जो दुश्मन न किया, दोस्त जल्लाद किया है


जमाने की दरिया में सितम के मौजों से इसे कोई 

बचा  न सका, वक्त की बेरुखी ने बर्बाद किया है


इस बात का गवाह गुंचे1हैं,बरो-बर्ग2और शजर3 भी

कत्ल  होकर, भी  इसने  न  इरशाद4  किया  है


जो गुजरे हैं दिले ज़ख्मी पर,जमाने से क्या बताएँ

वे  सदा  रहे  बे-महर5,मेहरबानी तो बाद किया है



1.फ़ूल 2. पत्ती 3. वृक्ष 4.शिकायत 5.निर्दयी

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