गुजरने के ये दिन गुजर जायेंगे
गुजरने से पहले कुछ कर जायेंगे
बेवफ़ा जिंदगी का भरोसा ही क्या
आज जिंदा हैं, कल मर जायेंगे
मगर जिसे पाकर भी,पाने की हसरत
न मिटी , उसे छोड़ किधर जायेंगे
तबीयत घबड़ाती है ,रातों के सन्नाटे में
बताने उसके घर , दोपहर जायेंगे
गर बात उठाई उसने ठहराई की
तब रात वहीं ठहर जायेंगे
फ़कीरे इश्क को और चाहिये क्या
अपना नाम, उसके नाम कर जायेंगे
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