Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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हमारे नाम के पते से

 

हमारे नाम के पते से खल्क1 को जो
न मिले तुम्हारा घर , तो क्या करें

 

तदवीरें—तकदीरें हमारे कुछ काम न आईं
दवा बन गई जहर , हम क्या करें

 

सुनाना था किस्सा - ए- गमे दिल का
सुनकर तुमको नींद न आई , हम क्या करें

 

उसकी ना-उम्मीदी में भी उम्मीद रखती हो
हमने जो की बफ़ाई, उसका हम क्या करें

 

माना कि बुरे हैं हम, तो बुरा जान के मिलो
हमारे ऐब को जो ऐब,न समझो,हम क्या करें



1.संसार

 

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