Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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हम जिसे जान कहते हैं

 

हम जिसे जान कहते हैं
उसी से परेशान रहते हैं

 

 

अजीब जमाना है आया
कत्ल को कुरबान कहते हैं

 

 

करके वादा रोज पलट जाती है
वो, आप उसे एहसान कहते हैं

 

 

उनको क्या कहें, जिन्हें फ़िरने की
ताकत नहीं,खुद को जवान कहते हैं

 

 

दिल नहीं, केवल मिलतीं दीवारें
आप उसे घर,हम मकान कहते हैं

 

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