Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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इस तरह सीना गमे इश्क में मामूर1 हुआ

 

इस  तरह  सीना  गमे  इश्क  में  मामूर1 हुआ

न  हम जमाने को, न जमाना हमको याद किया


बहरे-गम2से कस्ती-ए-मय3पार उतारेगा,यह फ़ैसला

मुकामे-आशना4 के बेगाना  होने  के  बाद किया


ऐ दाद5  दे  फ़लक, दिले-हसरत-परस्त6  को, जो 

हमने नहीं,हम से पहले हमको खुदा ने याद किया


पहलू  में  लेकर जिसे ढूँढ़ता रहा, उम्र भर उसने 

तजियत-ओ-मेहरो7 वफ़ा मेरे जाने के बाद किया


ऐ दिल तज्जुब क्या,अपनी तबाही पर जिसने तुझे

सजाया, उम्रे-जाविदाँ8  से, उसी  ने  बरबाद किया


  1. संलग्न 2. दुख-सागर 3. शराब की नाव 4. 

पहचानी मंजिल 5. शाबाशी 6.टूटे हुए दिल को 7.प्यार का इकरार 8. लम्बी आयु

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