जब ताजा ज़ख्म सिलाने निकले
कई ज़ख्म बहुत पुराने निकले
कुछ रुलाने केबहाने निकले
कुछ सताने केबहाने निकले
कुछ किश्तों में चुकाने निकले
कुछ मिलने केबहाने निकले
अलग-अलग सबों की कहानी थी
सभी दर्दकेबहाने निकले
सितमगर , सितमगरहै होता
दर्द सोया नहीं,जगाने निकले
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