Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कभी गले से लगाकर तो देखो

 


कभी   गले  से  लगाकर  तो  देखो

दिल  से  दिल  मिलाकर  तो  देखो


हम   भी   चीज  हैं  बड़े  काम की

एक   बार  आजमाकर   तो   देखो


मिलेगा   बहुत  चाहनेवाला, न  होगा

मुझ  सा  कोई,पास बिठाकर तो देखो


तुम्हारी   पलकों  के  साये  में  उम्र 

गुजार  दूँगा, नजरें  उठाकर  तो देखो


है इश्क की गर्मी से मारहा-ए-कायनात

संग    अपने   सुलाकर  तो   देखो




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