Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कभी हम मिले,तो तुम न मिले

 

कभी  हम  मिले,तो तुम न मिले

कभी  तुम  मिले,तो हम न मिले


नज़रों  से  नज़र  कई बार मिली

दिल  से  दिल  एकदम  न मिले


कसम   खाये   थे   हम  चलेंगे

मिलकर   दो   कदम   न  चले


बेखुदी  ले  आई  मुझे  मैखाने में

मेरे   पाँव   चले , हम  न  चले


बे-आबरू  होकर  तुम्हारे  कूचे  से

कई बार निकले,मगर दम न निकले

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