इतना कहकर मुकर जाये,तो अच्छा है
उस कातिल से न मिलूँ तो अच्छा है
जिंदारहना चाहता कौन , सुनकर
उसकी हालात, मर जाऊँ तो अच्छा है
सब को चिंता अपने-अपने मज़हब का
मज़हबी चिंता छोड़ दे, तो अच्छा है
मिलकर अगर रंज होना है, तुमको
ख़ुदा के लिए न मिलो,तो अच्छा है
क्या- क्या मिलाये खाक में,चाँद से
न पूछकर, खुद से पूछो,तो अच्छा है
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