Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कौन सुनेगा, दर्दे गम की कहानी मेरी

 

कौन सुनेगा,  दर्दे  गम  की  कहानी मेरी

करना खुदा रहम, रखना निगरानी मेरी


जिसके आगे से  गुजरती हूँ, वही कहता

आह  क्या  गजबकी है जवानी तेरी


जाने  फ़िर कब आना  और मिलना हो 

देदो,  रख   लूँकोई निशानी  तेरी


मत छुपा कोई बात अपने दिल की मुझसे

तेरे मदहोश नयन बता रहे,गंजनिहानी तेरी


है  कौन  सा  दिल  जहाँ में,जो  जिंदा है 

जिसमें धड़कता नहीं मुहब्बत,जानी तेरी

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