कौन चला रे, यह कौन चला
जग छोड़कर ,यह कौन चला
किसकी साँस घबड़ाकर दिले –
तुंग को तोड़ा रे,यह कौन चला
ब्राह्मण आओ, ग्यानी आओ
बतलाओ, यह कौन चला
इसे रोको, इसे मनाओ, नींद
से जगाओ,पूछो,यह कौन चला
मेरा पुत्र या तेरा -सखा
इसका प्रेमी या उसका पिता
कौन चला रे, कौन चला
जग छोड़कर यह कौन चला
धू –धू कर मिट रहा तन,माटी
से मिल जा रहा,यह कौन चला
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY