मेरे दिल में वो कतर1 है,जो तुफ़ां न हुआ
मैं मेजबां2 तो हुआ, कभी मेहमां न हुआ
रहा हमेशा दिल बागो - सेहरा3 मेरा, मगर
कभी इस दिल का कोई बागबां न हुआ
आरजू - ए- वस्ल4 का कत्ल कई बार हुआ
मगर फ़ित्ना - ए - अखिरुलेजमाँ5 न हुआ
अपनी दिले-वीरां किसे दिखलाऊँ, कैसे कहूँ
मेरा साकी बूढ़ा तो हुआ, कभी जवां न हुआ
तकदीर से हार कर जो खुद को छोड़ दे खुदा के
सहारे ,वह दिलेजार6 है, हिम्मते-मरदां न हुआ
1.कण 2. खातिर करनेवाला 3. उपवन जंगल 4.मिलन की प्रार्थना 5. संसार को समाप्त करने
वाला झगड़ा 6. बीमार
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