Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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राहें मोहब्बत में गम हजार मिले

 

राहें मोहब्बत में गम हजार मिले
कुछ इस पार , कुछ उस पार मिले

 

हम क्यों न उसकी सादगी पर मरें,जिसके
हाथों कत्ल हुए, हाथ में न तलवार मिले

 

जहाँ की हस्ती में अदम की कूच की चाहत
न हो, ढूँढ़कर भी हमें न ऐसी दयार मिले

 

दुनिया के तरीके ,इश्क की राह में चलना
आसान नहीं, कहीं चढ़ाव कहीं उतार मिले

 

हजारों दिल ने हमें जोशे जुनून इश्क में
दिये , उससे माँगा,तो वर्षों का इंतजार मिले

 

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