राहें मोहब्बत में गम हजार मिले
कुछ इस पार , कुछ उस पार मिले
हम क्यों न उसकी सादगी पर मरें,जिसके
हाथों कत्ल हुए, हाथ में न तलवार मिले
जहाँ की हस्ती में अदम की कूच की चाहत
न हो, ढूँढ़कर भी हमें न ऐसी दयार मिले
दुनिया के तरीके ,इश्क की राह में चलना
आसान नहीं, कहीं चढ़ाव कहीं उतार मिले
हजारों दिल ने हमें जोशे जुनून इश्क में
दिये , उससे माँगा,तो वर्षों का इंतजार मिले
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