तेरे संग बैठा , अपना यार देखा
देखने की चीज थी ,बार- बार देखा
माना कि मैं तेरे काबिल नहीं,फ़िर भी
दिलकशे दिल मेरा, तेरा इंतजार देखा
रात महफ़िल में हुस्न बेपरवाह को
परदादारी किये,दिलजलों में शुमार देखा
अंदेशा ए-तूफ़ां से काँपता दिल मेरा
चमन में,मौसमें बहार को सोगवार देखा
मुँद गईं, खोलते ही खोलते आँखें उसकी
वक्त से पहले चला गया, बीमार देखा
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY