Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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तुझको अपना वतन याद नहीं

 

तुझको अपना वतन याद नहीं

माँ का भींगा दामन याद नहीं


बचपन  तेरा जहाँ खेल आया

वहआँगन यादनहीं


जिन  आँखों  का आइना था

तू उसका  वदनयाद नहीं


किस  बारिश की बात करे तू

तुझको  तो  सावन याद नहीं


जिसने  तेरा  जीवन सजाया

उसका  तुमको मन याद नहीं

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