Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

तुम्हारे प्यार में सब कुछ लुटा दिया

 


तुम्हारे  प्यार  में  सब  कुछ  लुटा  दिया

दिल का  रेज़ा  -  रेज़ा गँवा दिया


तुमने  लगाकर  बदनुमा  दाग  मुझपर

मेरे  प्यार का हिसाब चुका  दिया


बेवफ़ा  तुम्हारे  झूठे  प्यार  के  गुरुर  ने

जाने मुझे क्या - क्या बना दिया


मैंने जग से रिश्ता तोड़ा तुम्हारे लिए,तुमने 

मुझसे रिश्ता तोड़कर,मेरी खुशी मिटा दिया


अच्छा  हुआ  सफ़र  जिंदगी  आसां हुआ

तुमने  मेरे  चलने, गमराह  बना दिया


तुमको जो  कहना था, उसे इशारे ने कहा

मैंने  जो  लिखा, उसे पढ़कर  मिटा दिया


Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ