Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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तुमको मुझसे प्यार है, यह हकीकत नहीं

 


तुमको मुझसे प्यार हैयह हकीकत नहीं

तुम मेरा रहनुमा हो सकती हो ,मुहब्बत नहीं


दूर से कई चेहरोंमें तुमदीखे  मगर 

करीब से देखा तो,किसी में तुम सा रानायत नहीं


बेवफाई का चलन चला है आजकल 

इसलिए तुमसे मेरी कोई शिकायत नहीं


तुम जब भी मिलेखफा होकर मिले

यह मिलन  कैसाजहाँ मिलीतबियत नहीं


बदनसीबी ने मुझे कभी रोने से फुर्सत दिया

तुम हो कि देते हँसने की मोहलत नहीं


तुमको दिल जख्म क्या-क्या दिखलाती

तुमसे छुपी मेरी कोई हिलायत नहीं


खुद को तनहा जीऊँइच्छा तो बहुत है

मगर आती कोई मुसीबत नहीं

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