------ डा० श्रीमती तारा सिंह, नवी मुम्बई
उस बेवफ़ा से वफ़ा की बात न कर
कातिल से दवा की बात न कर
आने दो वक्त, होगी वात चमन बहार की
अभी से सबा की बात न कर
बड़ी मुश्किल से मिलते हैं दोस्त दुनिया में
मिल जाये, तो ज़ुदा की बात न कर
उमड़ी हैसम्रसेइलजामकी बरसात
अब तो काली घटा की बात न कर
राहें जिंदगी के आखिर में, ख़ुदा भी छोड़
देता साथ, दिल -ज़दा की बात न कर
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