Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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दयारे गम में दिल मेरा छूट गया

 


दयारे गम में दिल मेरा छूट गया

कहीं ,  जो   तुमको   बतलाया


तुमने       मुझको     रुलाया

मेरे     दिल    को    जलाया


तू   औरत   है  बेवफ़ा , कहकर

मेरे    प्यार    को    ठुकराया


तमाशा   जो   देखा   न  कभी

तुमने  उस  तमाशे को दिखलाया


नसीब उठाता जिसे, तुमने  अपने

हाथों  से उस  दिल  को उठवाया

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