Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कह दो बहुत उड़ चुके वे आसमान पर

 

कह दो बहुत उड़  चुके वे आसमान पर

हम  भी निकलने  ही वाले हैंउड़ान पर


सीने पर चोट खाने की हमारी फ़ितरत है

हम  नहीं  छुपनेवाले  हैं  मचानपर


देश की सत्ता क्या आई उसकी हाथों में

जूते उतारने  लगे  सोने के पायदान  पर


देश  का मसीहा  घूम रहा तलवार लेकर

शरीफ़  लगा  रहेहैं  बाजी म्यानपर


सच ही कहते लोग,छिछला जल का बहाव 

होता  बड़ा तेजठहरता  नहींढलान पर

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