Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कहना है , तो वो बात करो

 

कहना  है , तो   वो   बात   करो

शमां  बुझने  के  बाद की बात करो


दास्तां  जिंदगी  की  छोड़ो.  अपने 

दिल –  बेकरारी  की   बात   करो


होता   क्यों    इश्क   में    सब्र

ना-गवार , उसकी    बात     करो


कैसे   बीत  रहे  जवानी  के  दिन

उनसे  मेरी दीवानगी की  बात करो


बेकरार दिल हद से गुजर कर मिलते

हैं  जहाँ, उन  सर-हदों की बात करो 

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