कहना है , तो वो बात करो
शमां बुझने के बाद की बात करो
दास्तां जिंदगी की छोड़ो. अपने
दिल – बेकरारी की बात करो
होता क्यों इश्क में सब्र
ना-गवार , उसकी बात करो
कैसे बीत रहे जवानी के दिन
उनसे मेरी दीवानगी की बात करो
बेकरार दिल हद से गुजर कर मिलते
हैं जहाँ, उन सर-हदों की बात करो
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