Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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क्यों तुमने मुझसे बेवजह तकरार किया

 

      क्यों तुमने  मुझसे बेवजह तकरार किया

      बातें  क्या कम थीं तो खंज़र से वार किया


मिले  सुख  तुमको  दुनिया  की  सारी

जीवन  भर  मैंने, थोड़े  में गुजार किया


जब  मिली  न  रोटियाँ  पेट  भरने को

हँस-हँसकर  सुबह-शाम  जलाहार  किया


बेमतलब  अनफ़ास  को  जाया  न करूँ

सोच  गम की  दरिया का  दीदार किया


शाम  हो  चुकी , रात   है   आनेवाली

दिन से लौटकर न आने का करार किया


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