Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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मैं तेरा यार हूँ, प्यार हूँ,

 


मैं   तेरा   यार  हूँ, प्यार  हूँ,  बीमार  हूँ

तेरी   गेसू- ए- ताबदार1  में  गिरफ़्तार  हूँ


मेरे  दिल  को  और  किसी सूरत से करार 

नहीं मिलता , मैं  अपने दिल  से लाचार हूँ


बज्म-हस्ती2  की  महफ़िल  को  मैंने  नहीं

लूटा,मगर दुनिया की नजर में,मैं गुनहगार हूँ


ख्वाब   को  नफ़रत  है  दीदा-ए-बेदार3  से

मैं   तेरी  राह  में  सितमकशे इंतजार  हूँ


अगर है  यही  कैफ़ियत   तेरी ,ऐ जानिसार

तो तू ही बता,मैं दिलजला,किसका दिलदार हूँ




  1. चमकीले केश 2.रंगीन दुनिया 3.आँख खोलने से  

4. प्रतीक्षा का मारा हुआ

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