Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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पार्टी का रुआब

 

लगता गाड़ी में न तो हार्न है
न ही मुँह में है आवाज
गाड़ी ऐसे उड़ाता है जनाब
जैसे हो कोई हवाई जहाज

 

कहता है, मेरे पास क्या कुछ नहीं
देश की सत्ता है,पार्टी का है रुआब
मेरे आगे, कोई मुँह नहीं खोलता
न ही करता कोई सवाल-जवाब

 

मैं देवों का देव हूँ
मनुज भाग्य का हूँ विधाता
मेरे आगे,आई०ए०एस,आई०पी०एस
सभी झाड़ू लगाते, मैं वही
करता, जो मेरा जी चाहता

 

कोई मेरे गाड़ी के नीचे आ गया
तो आने दो, मैं नहीं रुक सकता
मेरी गाड़ी है दश लाख की
मूरख,बात को क्यों नहीं समझता

 

चाहिए उसे धन, खरीदने को कफ़न
तो ये लो सौ का नोट,कर दो दफ़न
उसका होकर है कोई मुँह खोलता
तो उसे भी भेज दो गगन
दोनों मिलकर रहेंगे वहाँ मगन

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