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चाहत

 

अब हमारी चाहत है
आज जो पुरुषोत्तम राम है
वह सीता मैया से मिले
आज जो भगवान श्रीकृष्ण है
वह राधा से मिले ।
आज जो सच्चा संत है
वह ईश्वर बन जाये।

 

आज जो भ्रष्ट है
वह नेता क्यों
आज जो योगी है
वह भोगी क्यों।

 

अब हमारी चाहत है
जो भ्रष्ट नेता है
जो योगी भोगी है
ओ पहले माटी में मिल जाये।
जो पाप है
उसका विनाश हो जाये।

 

अब हमारी चाहत है
कलीयुग का अंत हो
चाहे हामारा भी अंत हो
पर
फिर से द्वापरयुग हो
फिर से त्रेतायुग हो॥

 

 

- श्री सुनील कुमार परीट

 

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