Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

देश का सपना

 

तुम देश का भविष्य हो
ये मेरे प्यारे बच्चे।
देश को महान बनाना है
तुम हो दिल के सच्चे॥

 

 

झगडे-कलह कभी न हो
सब मिल-जुलकर रहना है।
द्वेष-घृणा अब त्यागकर
सब जीवन अमृत पाना है॥

 

 

ईमानदारी नेकी से
धर्म की जोपासना करना है।
किसी बातों से बहकना नहीं
संस्कृति सब में भरना है॥

 

 

सयं कभी खोना नहीं
काम-क्रोध को जलाना है।
सनातन के संतान है हम
सब से प्रेम भाव जताना है॥

 

 

सारे जहाँ में लहराना है
देश को सबसे महान बानाना है।
मातृभूमि पवित्र है हमारी
नोच न लगे यही एक सपना है॥

 

 

डॉ० सुनील कुमार परीट

 

 

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ