मुझे कुछ कहना है
ऐसे मे जब कभी लगता है,
किसी के ना में ना मिलाना है
कभी किसी का दिल नहीं दुखाना है॥
मुझे कुछ कहना है
ऐसे में कभी कुछ मानना है,
किसी के हाँ में हाँ मिलाना है
कभी किसी के कदम पे चलना है॥
मुझे कुछ कहना है
ऐसे में कभी जी चाहता है,
किसी के हाथ में हाथ मिलाना है
कभी किसी के आँसू हमें पोंछना है॥
मुझे कुछ कहना है
ऐसे में किसी का सुख चाहना है,
किसी का हमें भी सहारा बनना है
कभी किसी दीन का सृजनहार होना है॥
जी हाँ मुझे कुछ कहना है
ऐसे में आत्मा में परमात्मा पाना है॥
- श्री सुनील कुमार परीट
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